DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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निचे आज्या सजनी तू चढरी किसकी अटारी

 सुदामा मिश्राणी से पूछते है 


निचे आज्या सजनी तू चढरी किसकी अटारी :-


एक डैम मौका लाया किसने , 

दूजा यो रंग जमाया किसने 

महल बनाया किसने ताजा सजनी 

आड़े झोपडी थी म्हारी ....................................। 


किसे साहूकार ने बालक ठाके

आप बेठग्या आड़े महल बनाके

आके ने भेद बताजा सजनी , 

किसने आप खोटी धारी..................................। 


म्हारे ते ज्यादा कोई गरीब नहीं से 

किते भी ठिकाणा म्हारा इब नहीं से 

नसीब नहीं से ते किट पज्या सजनी 

या दुनिया फिरती मारी मारी............................। 


छोड़ दे प्रेम घर बार नगर के 

जगन्नाथ अपणे सतगुरु के 

ईश्वर के गुण गज्या सजनी 

करज्य गात की बीमारी ...............................।  

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्