मिश्राणी सुदामा से कहती है
करदे दिल ते दूर कतई जो गलत विचार तेरा से
बे धड़के ते ऊपर आज्या यो घर बार तेरा से ...............।
नंगी काया कुकर आया न्यू पति में ते डरगी
परेम के आंसू झलक उठे आँख नीर ते भरगी
भगत बिहारी गिरधारी की मेहर म्हारे पे फिरगी
प्राण पति का कारन आरता एक दम तले उतरगी
या ते मेरे पक्की जरगी वो सच्चा यार तेरा से ...................।
वे अंतर्यामी सबके स्वामी सबके मन की जाणे
पर अंतर्यामी पुरुष बिना कोण उसकी गति पिछाणे
कई बार नाट्या फेर भी मने तू भेज दिया धींगताणे
क्यूकर भाग जगता जे तू नहीं जाण की ठाणे
कोन्या गया बिराणे पिया , ना गलत व्यहवार तेरा से ..................।
भगत समझ के कृष्ण जी ने कर दिया तेरा भला से
किसे जन्म के कर्म करे का आज यो फल मिला से
हिरे पन्ने लाल जड़े कोई राजा किसा किला से
महल की जड़ में ठन्डे जल का सुन्दर बना तला से
वो नए किस्म का बाग खिला से वो खुद भरतार तेरा से .................।
जगन्नाथ कहे भागता के म्हा जो कोए कष्ट सहेगा
होज्या बेडा पार जो हरदम कृष्ण कृष्ण रटेगा
सत माया का बना चीणा कोन्या किला ढहेगा
सच्चा आनंद भोगेगा जो धर्म के काम लहेगा
धन जोबन ना सदा रहेगा यो दिन चार तेरा से ...........................।
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्