DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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गंगा जी तेरे खेत म, गड़े हिंडोले चार -haryanvi ragni lyrics

     गंगा जी तेरे खेत म, गड़े हिंडोले चार कन्हइया  झूलते संग रुक्मण झूल रही 

 गंगा जी तेरे खेत म, गड़े हिंडोले चार

कन्हइया  झूलते संग रुक्मण झूल रही 


शिवजी के करमंडल में , विस्णु जी का लगया पैर 

पवन पवित्र अमृत बांके पर्वत ऊपर रही  ठहर

भगीरथ न तप कर राख्या खोद के ल्याया था नहर 

साठ  हजार सगड़ के बेटे मुक्ति का पाग्ये  धाम 

अयोध्या के धोरे जाके गंगा जी धराया नाम 

बर्ह्मा विस्णु शिवजी तीनो पूजा करते सुबह शाम

सब किमे  से तेरे हेत में माई हो रही जय जयकार। 


 अष्ट वसु पैदा करे ऋषियो का तारया श्राप 

शांतनु के ब्याही गयी वसुओं का बनाया बाप 

शील गंगे छोड़ के ने स्वर्ग में गयी थी आप 

तीन चरण सुरग में रहगे एक चरण धरके आई 

नौसौ मील पृथ्वी उप्पर अमृत रस बणके छाई  

अथर अजर ऋग सैम चारो वेदाो में बड़ाई गयी 

शिवजी भी चढ़े  थे जणेत म कैसी बरसी मूसलधार। ..    


गऊ मुख बद्रीनाथ लक्ष्मण झुल्ला छूटी लहर

हरिद्वार ऋषिकेश कनखल में अमृत की गहर 

गढ़ मुक्तेश्वर इलाहबाद गया जो पवित्र शहर 

कलकत्ते त  सीधी होली, हावड़ा दिखाई शान 

समुन्दर म जाके मिलगी सागर का घटाया मान

सूर्य जी ने अमृत पीके अम्बो जल का करया बखान 

एक दिन गयी थी सनेत म जिते अर्जुन कृष्ण मुरार 


श्री मासी नाथ तेरे अंदर आके मिले थे आप 

मान सिंह भी तेरे अंदर पिछाण के मिले थे आप 

लख्मीचंद भी तेरे अंदर जाण के मिले थे आप 

मुक्ति का रास्ता टोहवे तेरे अंदर आने आला 

पाणंची में वास करता मामूली सा गाणे आला 

मांगे राम एक रोज तेरे अंदर आणे आला 


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्