उतर पेड़ त तले एक ब मेरे दिल के डट्टन वाले , क्यों खोवे स टेम चली जा हम लकड़ी कटन वाले। ..... -: यह रागनी गुरु चंद्र लाल की लिखी हुई है :- उत...
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