DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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यारी के घर दूर बताये यार कहु किस ढाल तने || एक दमड़ी तलक देइ कोन्या न्यू बाता में दिया टाल तने

सुदामा अपने मन में सोचता है कृष्ण जी के बारे में 



यारी के घर दूर बताये  यार कहु किस ढाल तने 

एक दमड़ी तलक देइ कोन्या न्यू बाता में दिया टाल तने 


आवण का कुछ काम नहीं ठा मन ने मार चला आया 

उठे झाल बदन में करता सोच विचार चला आया 

लेण  देंण ने कुछ न धोरे एक लेके प्यार चला आया 

भेज दिया मेरी मिश्राणी ने न्यू मेरे यार चला आया 

अन्न धन की सोभा हो से ये दे दिए लत्ते चार तने..................। 


तेरे स्यामि कही गयी ना बहुत घणा में शरमाया 

दुनिया कहे भगवान तने तेरा भेद किसे ने ना पाया 

घर ते चाले पाछे मने बहुत घन्ना दिल समझाया 

घरा जेक तेरी भावज भुजे लय म्हारी खात्तर के ल्याया 

जब वा खली पल्ला देखे कदे देंण लाग्ज्या ना गाल तने ...................। 


राज नशे में पागल होगया , निर्धन का ना ध्यान करया

पड़या करे वो हदसे बढ़के जिसने भी अभिमान करया 

कुछ डूब गयी मेरी मिश्राणी , में न्यूए सहम वीरान करया

जिंदगी भर भी भुल्लू कोन्या , जो तन्ने आदर मान करया 

अपणी ते में कहण पाया ना इसा गेरा प्रेम का जाल तने .......................। 


इब ते आगे लगा समाधी, ओउम हरी हर जपना है 

देख लिया दुनिया का धंधा , जाण लिया एक सपना है 

दुर्बल होया शरीर मेरा ,न्यूए रंज फ़िक्र में खपना है 

लिया देख तमाशा सब झूठा राशा, ना कोई जगत में अपना है 

जगन्नाथ मत फ़िक्र करे , ले सतगुरु आप संभाल तने .................। 

 


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्