DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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चौगरदे ने भील खड़े मेरे जी ने खाड़ा होग्या - पांचो तले तार लिए में नग्न उघाड़ा होग्या

सुदामा भीलो में फस जाने पर 



चौगरदे  ने भील खड़े मेरे जी ने खाड़ा होग्या

पांचो तले तार लिए में नग्न उघाड़ा होग्या ......................। 


हाथ जोड़ के अर्ज करू सु , दया करो ते मेरी 

मने अपणे घर ने जा लेण दो क्यों सहम करो सो देरी 

दिन छिपग्य फेर राह पावे ना फेर होज्या रात अँधेरी 

मेरा काचा कुणबा रोवेगा मेरी होज्या उम्र बड़ेरी 

में क्यूकर शान दिखाऊ जाके, यो कोड पवाडा होग्या ................। 


चौगरदे ते घेर लिया इब छूटन का ढंग कोन्या 

कुछ बूढ़ा कीमे चोट लागरी इब उठन का ढंग कोन्या 

कुछ दिन में थारा भरम फुटज्या, इब फूटण का ढंग कोन्या 

में गरीब आदमी लूट लिया तमने लुटण का ढंग कोन्या 

ब्राह्मण का सिर काटण  ने लेके त्यार कुल्हाड़ा होग्या .................। 


ठीक कही से भीड़ पड़ी में कोण किसे का साथी 

कृष्ण जी का ध्यान लगाया, तुम आके बणो हिमाती

हिया उजल के आवण लगया मेरी दुःख में पाटे छाती 

मेरा मुल्जिन आला भेष बना दिया , मानष था कुणबाति

बिना खोट लेई सजा ओट , दिन ढोली चाला होग्या ....................। 


मुश्किल पार उतरना होग्या किस्ती पड़ी घाट के म्हा

में निर्भाग कर्म का हींणा, दुनिया रहे ठाठ के महा 

भोजन तक खाया ना होगा बालक खड़े बाट के महा   

बेईमान उत लुंगाड़े हरदम रहे काट के महा 

जगन्नाथ ने न्यू बुझेंगे तू क्यूकर माड़ा होग्या .............................। 


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्