रोये मान घटे बन्दे का दुःख चिंता म काया अनरीति म राज चला जा झगड़े म धन माया :-
रोये मान घटे बन्दे का दुःख चिंता म काया
अनरीति म राज चला जा झगड़े म धन माया
लाड करे त बेटा बिगड़े भेद दिए त नारी
खुद गरजी म भाई बिगडे पडे मुसीबत भारी
लोगो रॉब दिखाए नौकर बिगरे मेल बिना सरदारी
देखा दें टी बिगरे दोस्ती यारी म पड़े कवारी
हाजी बिना नौकरी खरी , न र जाता बखत निभाया। ......
आजादी म बेटी बिगड़े दाग नहीं धोये जा ,
पाप भड़े त घर बार छूट जय सहम डले ढोये जा,
चित बूढी न रह ठिकाणे सब क्याये टी खोयेजा ,
क्रोध करे त अक्कल बिगड़े पल विष घोले जा ,
भीतर भीतर रोये जा , ना जाता मरहम लगाया। .......
झूठ बके त जबान चली जा चाहे हो लाख आसामी ,
गद्दारी म देश टूट ज्या भोगणी पड़े गुलामी ,
लुच्चे गुंडया के साथ रहणं म पड़े धरम म खामी ,
कुसंग करे त न मिले ठिकाणा हो जाती बदनामी ,
कुणसी चीज जगत म जाम्मी जो नहीं काल न खाया। .......
तेरे बित लिए आनंद छोड़ दे राग दुवेश के घेरे ,
रोटी बिद्या धन मन घोडा बिगड़े स बिन फेरे ,
सत गुरु सेवा भजन करे बिन उज्जड होज्या डेरे ,
आलस करे त भोजन छुटज्या कटे चौरासी फेरे ,
श्री लख्मीचंद कह गैर बखत प ,या साथ छोड़ दे काया।......
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्