बहु सुथरी स फुल सिंह की कती चाला स
कोई देखण न न जइयो जान का गाला स ............
झूठ न बोलू में सच्ची बताऊ यारो
सरे मिलके मैंने जी त र मतना मारो
मैंने जब देखि जाके , र घूँघट उसका उठाके
पड़या म चक्कर खाके , आया सु जान बचा के
घणे थे माणस और सुथरा भी साला स। ...................
फेर म बोल्या मेरे लाड लड़ा दे री भाभी
मैंने तेरे गोड्या के भींच बिठा दे री भाभी
करूँगा तेरी बड़ाई ,रे होज्या मन की चाही
मेरे त वा सरमाई खड़या था उसका भाई
मैंने के बेरा यो फुल सिंह का साला स। ....... .............
फूल न कहके मेरा करवा दो न ब्याह
जोडू सु हाथ न मेरा भी करा दो न न्याय
मेरी तुम जान बचा दो , मेरा तुम ब्याह करवा दयो
फूल की साली लयादो मेरा तुम ब्योत बिठाडो
फूल न कहदो न त जीवने की टाला स। ......... ........
मरे जाओगे तम जितने भी सो सारे छोरे
वो तगड़े से हाय नखरे स न्यारे प्यारे
सोरखी गाम यो सारा फिरेगा मारा मारा
चले न विनोद फिरे गा बिच कवारा
बतादो इसने साबत गाम रुखाला स................
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्