DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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समद ऋषि जी ज्ञानी हो के जिसने वेद विचारा , वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लगे सारा.... lyrics




समद ऋषि जी ज्ञानी हो के जिसने वेद विचारा 
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लगे सारा.... ...........

एक बाप के नौ नौ बेटे, ना पेट भरण पावैगा
बीर-मर्द हों न्यारे-न्यारे, इसा बखत आवैगा
घर-घर में होंगे पंचायती, कौन किसनै समझावैगा
मनुष्य-मात्र का धर्म छोड़-कै, धन जोड़ा चाहवैगा
कड़ कै न्यौळी बांध मरेंगे, मांग्या मिलै ना उधारा..............


लोभ के कारण बल घट ज्यांगे-पाप की जीत रहैगी
भाई-भाण का चलै मुकदमा, बिगड़ी नीत रहेगी
कोए मिलै ना यार जगत मैं, ना सची प्रीत रहेगी
भाई नै भाई मारैगा, ना कुल की रीत रहेगी
बीर नौकरी करया करेंगी, फिर भी नहीं गुजारा ..............


सारे के प्रकाश कालू का, ना कचा घर पावैगा
वेद शास्त्र उपनिषदांना जाणनियां पावैगा
गऊ लोप होज्यांगी दुनियां में, ना पाळनियां पावैगा 
मदिरा-मास नशे का सेवन, इसा बखत आवेगा
संध्या-तर्पण हवन छूट ज्यां, और वस्तु-जांगी बाराह ..............


कहै लखमीचंद छत्रीपण  जा-गा, नीच का राज रहेगा
हीजड़े मिनिस्टर बण्या करेंगे, बीर के ताज रहेगा
दखलंदाजी और रिश्वतखोरी सब बे-अंदाज रहेगा
भाई नै तै भाई मारैगा, ना न्याय-इलाज रहेगा
बीर उघाडै सिर हांडेंगी, जिन-पै दल खप-गे थे अठाराह...............

समद ऋषि जी ज्ञानी हो के जिसने वेद विचारा 
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लगे सारा.... ...........

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्