DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

Subscribe Us

काना पर के टाले मतना करिये मेरी बात पे ध्यान || देख के दुनिया दंग रहज्या ऐसा करदे त्यार मकान

 कृष्ण जी विशवकर्मा जी से कहते है ..............। 


काना पर के टाले मतना करिये मेरी बात पे ध्यान 

देख के दुनिया दंग रहज्या ऐसा करदे त्यार मकान ..............। 


भीड़ पड़ी में यार ने चाहिए यार की खात्तर सिर देना 

सच्चे दिल से काढ़ आत्मा यारे के आगे धर देना 

देख सुदामा राजी होज्या इसा काम तू कर देना 

काले पिले हरे गुलाबी ठीक ठीक रंग भर देना 

किसे चीज की कमी रहे न , संग में लेज्या सब सामान ....................। 


सोवण बैठण खात्तर कमरे सीसे आले न्यारे हो 

अमे स्यामि हो दरवाजे झांकी दार चौबारे हो 

नयी किसम की कर चतुराई देख के राजी सारे हो 

सबने जान पटज्यागी हो मेल इसा इसे प्यारे का 

इसा सोच के महल बनादे , देखण आवे सकल जहान......................। 


धन की थैली भर के लेज्या सारा कर्जा दिए उतार

मेरे यार के दरवाजे पे कोई मांगण आवे नहीं उधार

किसे चीज की कमी रहे न सुख में हो सारा परिवार 

झांकी दार चौबारे में फेर सोया करेगा मेरा यार 

जल्दी करदे त्यार महल , और दूर बगाओ टूटी छान .........................। 


कोहली भर छाती के लाया , मने ज्यान ते प्यारा से 

रोज रोज न आया करता आज कर्म करके आरया से

जब कोई भीड़ पड़ी तेरे पे यार तेरे ते न न्यारा से 

जगन्नाथ ने देख लिए वो कोड मुशीबत ठारया से 

धन माया ते के नाटू में हाजिर कर दू अपनी जान ..........................। 

  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्