DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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एक नेग म तेरी मामी लागु एक नेग में तेरी साली haryanvi ragni lyrics

एक नेग म तेरी मामी लागु एक नेग में तेरी साली तू बूंदी गढ ब्याह राख्या स में बुन्डीगढ़ आली 



एक नेग म तेरी मामी लागु एक नेग में तेरी साली 

तू बूंदी गढ ब्याह राख्या स में बुन्डीगढ़ आली 


कहण कहण के सब सूरे स सब रखे हथियार जमल

कोय कोय बिरला डटया करे स जब चले तलवार जमल 

भाई बिना काड किसी और पिया बिना श्रींगार  जमल 

धन बिन कैसी धनाश्री रुत बिन किसे मल्हार जमल 

तेरा मामा त बूढ़ा स म निर्भाग उम्र की बाली। ........ 



घोडा दौड़ा  मिल्या टेम प आनंद करके सो जमल 

जब आणा जस भगीरथ न मेरी आत्मा धो जमल 

संत समागम हरी कीर्तन ,तुलसी दुर्लभ दो जमल 

सूत दारा  और लक्ष्मी त दुश्मन क भी हो जमल 

तू मेरा और म तेरी हरदम रहु रूखाळी। ......... 



यो संसार भारया  संसे का न्यारे न्यारे ढंग जमल 

धन जोबन रंग रूप जवानी किसके चले संग जमल 

युरस चोरस मोतिया और पान पिलंग तो रंग जमल 

साजन उन्हें सुहावे जिसके हो स छैलै रंग जमल 

        बिगुले जब अच्छे लगे जब घटा लहरावे काली। ....... 



मांगे राम बिचाले मारे कर पूरी अरदास जमल 

आठो पहर घडी चौसठ छ रुत ये बारह मॉस जमल 

  गरीब कुंज भी चाहे जा स पिया मिलान की आस जमल 

शाम चकोर पिया की चाह म उड़ती कोष पचास जमल 

       इस दुनिया म बड़ी बताई , लख्मीचंद प्रणाली। .........       


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्