जा कृष्ण जी न न्यू कहदे तेरा यार बुलावे से
एक पाटे लत्या आला माणस बहार बुलावे से
उसते फेटण का मर्या में होता फिरू बीरान
पाटे कपडे सरीर दुबला मेरी फीकी पड़गयी श्यान
भूख प्यास में पागल होरया मेरा नहीं ठिकाणे ध्यान
मेरा नाम सुदामा बता दियो तुम जाके डयोढ़ीवान
उसते फेटन खातर करके प्यार बुलावे से ........................।
हम बालक पण में दोनो भाई गऊ चराया करते
भूख लगे जब दूध गऊ का पिया खाया करते
सुबह उठ के गउओ के नित दर्शन पाया करते
आपस में था प्रेम घणा हम हंस बतलाया करते
सारी बात कहदिये जाके तेरा दिलदार बुलावे से ..................।
वो सुनके राजी होज्या गा मेरी मीठी वाणी ने
घाना चतुर से आप जनजा मेरी कहाणी ने
तू के जाणे म्हारी आपस की कथा पुराणी ने
कृष्ण धोरे आया , भेज्या मेरी मिश्राणी ने
न घनी देर का काम घडी दो चार बुलावे से .....................।
सारी सच्ची कहदी म झूठ बकण आला कोन्या
सही जगह पे जाता धक्के खावण आला कोन्या
सोच समझ के बोल्या करू न्यू मुँह बावण आला कोन्या
मामूली सा काम मेरा में इसा गावंण आला कोन्या
जगन्नाथ जी कतई छोड़ अहंकार बुलावे से ....................।
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्