कलम घिसे और दवात सुकज्या हरफ लिखणियां थक ले
रै मेरी इसी पढ़ाई नैं कौणा लिखणियां लिख ले
इतणै भूक्खा मरणा हो इतणै वा झाल मिलै ना
गुमसुम रहैगा बंदा इतणै ख्याल में ख्याल मिलै ना
जब तक सागर ताल मिलै ना, बता हंस कड़े तैं छिक ले
इश्क बिमारी हो खोटी मरणे म्हं कसर करै ना
इसा बहम का नाग बताया लड़ज्या वो निसार करै ना
दवा, इंजैक्शन असर करै ना जब गुप्त गुमड़ा पक ले
चोर, जार, बदमाश, ऊत मनैं दुनिया कहै लुंगाड़ा
जीवै ना मरै रहै तड़फता जिकै लाग्गै नैन दुगाड़ा
बहम का बरतन इसा उघाड़ा, कौण ढकणियां ढक ले
एक कातिल एक कतल करावै दोनों म्हं धर्म करकै
‘धनपत सिंह’ कहे जा साच्ची, साच्ची म्हं शर्म करकै
कर्म के आग्गै भरम करकै चाहे जमाना बक ले
इतणै भूक्खा मरणा हो इतणै वा झाल मिलै ना
गुमसुम रहैगा बंदा इतणै ख्याल में ख्याल मिलै ना
जब तक सागर ताल मिलै ना, बता हंस कड़े तैं छिक ले
इश्क बिमारी हो खोटी मरणे म्हं कसर करै ना
इसा बहम का नाग बताया लड़ज्या वो निसार करै ना
दवा, इंजैक्शन असर करै ना जब गुप्त गुमड़ा पक ले
चोर, जार, बदमाश, ऊत मनैं दुनिया कहै लुंगाड़ा
जीवै ना मरै रहै तड़फता जिकै लाग्गै नैन दुगाड़ा
बहम का बरतन इसा उघाड़ा, कौण ढकणियां ढक ले
एक कातिल एक कतल करावै दोनों म्हं धर्म करकै
‘धनपत सिंह’ कहे जा साच्ची, साच्ची म्हं शर्म करकै
कर्म के आग्गै भरम करकै चाहे जमाना बक ले
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्