DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

Subscribe Us

लाख बरस तक माणस जीया टोटे के मांह मरें गया, LAKH BARAS TAK JIYA TOTTE KE MAH MAR GYA

लाख बरस तक माणस

लाख बरस तक माणस जीया टोटे के मांह मरें गया,
के जीणें में जीया साजन धक्के खाता फिरें गया.......


1.
टोटे के मांह आदम देह कै ओर उचाटी होज्या सै,
टोटे के मांह माणस का जी सौ-सौ घाटी होज्या सै,
टोटे के मांह सगे प्यार की तबियत खाटी होज्या सै,
टोटे के मांह सब कुणबे की रे रे माटी होज्या सै,
इस तै आच्छा डूब कै मरज्या दिन भर मेहनत करें गया.....


2.
आदम देह नै जन्म लिया मेरै कमरे बैठक नौहरे हों,
लोटण खातर पलंग निवारी रहण नै कमरे दोहरे हों,
हीरे लाल कणी मणी मेरै धन माया के बोरे हों,
रूपवान बलवान सजन मेरै पांच सात दस छोरे हों,
इस तै आच्छा कान पड़ाले ता जिन्दगी दुख भरें गया.......


3.
टोटे आळे माणस की कोय आबरो करता ना,
जित बैठै ऊड़ै गाळ बकैं यू साळा किते मरता ना,
टोटे के मांह माणस तै दखे कोय आदमी डरता ना,
धन का टोटा भरज्या सै माणस का टोटा भरता ना,
इस तै आच्छा डूब कै मरज्या नीच जात तै डरें गया.........


4.
मांगेराम कड़े तक रोऊं, इस टोटे का ओड़ नहीं,
हीरे पन्ने मोहर अशर्फी किस माणस नै लोड़ नहीं,
मींह बरसै जब घर टपकै फेर चीज धरण नै ठोड़ नहीं,
कातक लगते सोच खड़ी हो ओढ़ण खातर सौड़ नहीं,
शी शी शी शी करै बिचारा जाड़े के मांह ठिरें गया..........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्