DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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दौलत माल खजाने की लड़की न सौपी ताली - ताज तख़्त और राज हकूमत लड़के ने संभाली

 दौलत माल खजाने की लड़की न सौपी ताली 

ताज तख़्त और राज हकूमत लड़के ने संभाली 



 दौलत माल खजाने की लड़की न सौपी ताली 

ताज तख़्त और राज हकूमत लड़के ने संभाली 


अवधपूरी के बैठ तख़्त प सर पे ताज टिकाया 

पल्टन फौज रिसाले प लड़के न हुक्कम चलाया 

मोहर अशर्फी माल खजाने लड़की की धन माया 

राज कोष लिया हाथ में कर्फ्यू आर्डर लाया 

पाया राज मुफ्त लड़के ने रंग में मनी दिवाली 

चवरो के फटकारे लगे फूल बागवे माली ..............................। 


रो रो करे विलाप चाणचक विपता पड़ी आधार त

राजा रानी लड़का तीनो बहार काढ़ दिए घर त 

राज पैट भी दिया छोड़ मने सत टूटण के डर त 

सो भर सुनहरी सर पे रहगे न कर्जा उतरे सर ते 

मरते गैल्या कोण मरे जीते का जगत रूखाळी 

साहूकार के हजार यार से न रहे टोटेमें खुशहाली ........................। 


धक्के देके बहार काढ़ दिया छूटा दिया घर गाम

अवध पूरी के शरद बिच में नहीं रहण का काम 

पैर उखड़गे छाले पड़गे पड़े जेठ का घाम 

उलटी सुल्ती मूषक चढ़दी जलग्या बदन तमाम 

छम नहीं मिलती बेठण न चढ़ती दिशा कुढाली

कोठी कमरे दफ्तर खुलगे टूटे परदे जाली .................................। 


राजा ते निर्धन बणग्या मेरा ब्योत कुढाला होग्या

कपडे खोसे जोर तर लिया यु ढंग ढला होग्या 

भूखे मरगे मरे तिसाये जी का गाला होग्या 

कर्जा सिरकी सिर रहग्यासे कोढ़ हमाँला होग्या 

चाला होग्या विपता पड़गी टलती कोन्या टाली

मुंशीराम तेरी जांडलिया की सबते अदा निराली ...........। ...........।।। 

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्