ब्राह्मण गौ संत न छेड़े चढ़े चौगना पाप
मेरा राज पात सम्लिये मने मतना दिए श्राप
ब्राह्मण गौ संत न छेड़े चढ़े चौगना पाप
मेरा राज पात सम्लिये मने मतना दिए श्राप - टेक
१-
कर्म धर्म पुन पाप बराबर टोटा नफा चाले
ज्ञान ध्यान तप दान दिए टी लाखो कष्ट टले
धन माया काया की ताकत ठाडी जगा झले
यमदूत उतका गुरु जूत जो गले में आन घले
भले माणस ने करना चाहिए पंचायती इंसाफ
चातरते तो लड़ना अच्छा मुर्ख ते चुपचाप ....। ..................।
२-
वेद विधि बल विद्या पल में हुक्काम छपादे से
ाण काण मर्याद शर्म दुनिया के कायदे से
मोह काम करोड़ अहंकार चार दुश्मन वे फायदे से
गुरु मास्टर जेल पशु ते मनुष्य बनादे से
लाडे से जो दवा तापके जगा छोड़ ज्या ताप
आप आपकी करणी गेल्या के बीटा के बाप .....................।
३-
आकाश अगन जल पवन धरण बिन हो संसार नहीं
सोच समझ गम खाये बिना बस्ता घर बार नहीं
नहीं साँच के आंच पांच पंचाती चार नहीं
हर्ज मर्ज और फर्ज बिन चलता प्यार नहीं
हार नहीं जित माणस की देखो भारत मिलाप
एक तीन दो चार पांच ने तुम्ही सम्भालो आप ....................।
४-
मैल और मुलाकाती बिना चलता काम नहीं
हटी तपी और जाती सटी बिन बस्ता गाम नहीं
चाँद और टारे सत प से अम्बर के थम नहीं
नगर जांडली छोटी न्यारा गहन श्याम नहीं
नाम नहीं मिलता मानुस का जो करे ॐ का जाप नहीं
मुंशीराम आजाद तने लादी दुनिया के छाप .........................।
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्