DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै

फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥

अरै फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ तेरे बिना पिया इस घर मै दिखे घोर अँधेरा ।

गाम बरोड़े मै तेरे बिन दिखे उज्जड डेरा ।

चंदा बिना चकोरी सुनी सबने हो सै बेरा ।

रही थान पै कूद बछेरी कित्त जा सै छोड़ बछेरा ।


और फीका पड़ गया चेहरा मेरा

फीका पड़ गया चेहरा मेरा कित्त लुट्टे मेरे त्योंर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥1॥


अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ शाम सावेरी मन्ने एकली नै खेता मै जाणा हो ।

बदमास्याँ की टोली घुमै मुश्किल गात बचाणा हो ।

तेरी खातर रहूंगी जीवती जब तक पाणी दाणा हो ।

नहीं मौत का कोई भरोसा कद हो ज्या माल बिराणा हो ।


हाँ बिना मोरनी कौन नचावै

बिना मोरनी कौन नचावै रंग रंगीले मोर नै ।

अरै डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥2॥

अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ पतला गात बैद ज्यू लरजे पाड़ी खिली जोर की ।

होठ गुलाबी चमकै श जणू बिजली पुरे पोर की ।

काली गौ मै तेरी सु देखू सु बाँट खोर की ।

पतले पतले होठ मेरे जैसे बिजली पूरे पोर की ।


हाँ कठपुतली की तरियां नाचूँ

कठपुतली की तरियां नाचूँ जद तू हलावे डोर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥3॥


अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ दरजी के तै सीमा दिए मेरा लेडी मिन्टन सूट पिया ।

पायाँ के मा मन्ने पराह ऊँची एड्डी के बूट पिया ।

छम छम कर कै चालूँगी जणू फौजी जा रंग रूट पिया ।

तेरे बिना क्यूकर जीउ कैसे भरू सब्र की घूँट पिया ।


हाँ मेहर सिंह तो भूल ना जाइए

मेहर सिंह तो भूल ना जाइए अपनी चित्त चोर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥4॥


फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइए अपणी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्