DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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बालक पण में साथ पढ़े वो बात पुराणी के जाणे || धन वाले ना मीत किसे के, प्रीत निभाणी के जाणे

बालक पण में साथ पढ़े वो बात पुराणी के जाणे 

धन वाले ना मीत किसे के, प्रीत निभाणी के जाणे ..................। टेक 



न्यू जाणु था धन देवेगा श्री कृष्ण से यार मेरा 

न्यू सोची थी दया करेगा साथी से साहूकार मेरा 

मणि कोन्या आवण का था कोन्या कोए विचार मेरा 

पंडतानी मेरी देखती होगी आवेगा भरतार मेरा 

खाली हाथ चला में उल्टा , न्यू मिश्राणी के जाणे ....................। 


हीरे मोती भरे पड़े थे ताले ताली सोने की 

देग टोकणी चांदी के और लोटे थाली सोने की 

कनी मणि कमरा में जड़ रही लग रही जाली सोने की 

आठो रानी पहन रही थी कंगन बलि सोने की 

हाय कंगाली के हो से न्यू पटरानी के जाणे .......................। 


झूठा ढोंग दिखावे था ते गले लगाया रो के ने 

चन्दन चौकी पे बिठाया पैर मेरे धोके ने 

पैर दाबता पाया जद में उठा सवेरे सो के ने 

सूखे चावल खावण लाग्या कितना राजी होके ने 

जिसने देखे दुःख कोन्या वो विपत बेगानी के जाणे.......................। 


लोभी तने दिया कुछ भी ना ढोंग रचाया यारी का 

देख लिया कंजूस घणा ना प्रण पुगाया यारी का 

मद में बांका होरया था ना परण पुगाया यारी का 

गुरु कृष्ण सिंह तवंर कहे घर दूर बताया यारी का 

राजपाल नुगरे कर गुरु की टहल बजानी के जाणे...........................। 

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्