जिया खो लिया रे, सारे टोह लिया रे.
मेरा बेटा कोन्या पाया इसा के चाला हो लिया रे
चौडे कालर रूदन मचावै लेइ राम न लूट
मार धवाथड बैठ गई भर लेई सबर की घूंट
छूटग्या खाणा पीणा रे, मेरा ईब के जीणा रे
बड़ी मुश्किल ते बेटा जाया आगे टाला हो लिया रे
पागल कैसा हाल हुआ मै फिरूं कवर नै टोहवती
आज सुपने के मे दयी दिखाई मने जग प्रलय सी होवती
मैं सोती उठ लई रे, मै हर नै लूट लई
मेरा सारा माल उठाया
कढ़े सूरज कैसी किरण पड़े थी आज ना चेहरे पर लाली
दुनिया ताने दिया करेंगी में ऊतणी कहवाली
खाली मन मेरे मै रे ना बाकी तन मेरे मै रे
मेरा बादल नै चांद छिपाया, बन्द उजाला हो लिया रे
लख्मीचन्द कह हरी नै आप लाए बिरवे बूटे
बेरा ना किस दुश्मन नै दिए गाड जलन के खुटे
झूठे ख्याल मेरे रे, मै मरगी लाल मेरे रे
कोन्या मां कह के बतलाया ज्यान का गाला होलिया रे
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्