सहम करो सो फ़िक्र पिया इसमें धिंगताना के से
टोटा नफा कर्म का हो से तन्ने हुलाणा के से .........।
व त्रिया न किसे करम की जो धर्म पिछाँणे कोन्या
खान दान की इज्जत ने जो दो टूक भी जाणे कोन्या
भूखी प्यासी पड़ी रहा कड़े गयी बिराणे कोन्या
टोटा उसको आया करे जिसकी नित ठिकाणे कोन्या
पहलम ते तन्ने सोची कोन्या , भला इब पछताणा के से .........।
नित गैल बरकत हो से न्यू यो संसार कहा करता
म्हारे भी भाग उदय होंगे ब्यू हर बार कहा करता
कृष्ण कृष्ण साडी हाना मेरा भरतार कहा करता
उस नन्द के दुलारे ने तू अपना यार कहा करता
उसके धोरे चला जाइये इसमें शर्माना के से ........................।
इब तलाक मने कहि नहीं पर कहणी पड़गी आज पिया
कुछ करो ध्यान न्यू म्हारी तान न्यू कुकर जागी बाज पिया
वो त्रिलोकी का नाथ रखता सब भगता की लाज पिया
कदे न कदे हम ने भी देगा मूल चौगुना ब्याज पिया
श्री कृष्ण बिना तेरा दुनिया में और ठिकाणा के से .................।
ले ओट कोण दे गात बूंध इसी टोटे की झेल हो से
कोई लेणिया कोई देणिया अपना अपना बल हो से
जगन्नाथ कहे सुबह कर्मो का अच्छा ए फल हो से
उतणा ही गाना चाहिए जितना बड़ा गाल हो से
कुछ साज नहीं आवाज नहीं भला फेर के गाना हो से ..................।
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्