एक बहार भिखारी आया , थारे दर्शन का तिसाया
कोई होगा लुक्मा काम , कहरया अंदर आना से .............।
बहार खाद्य कहरया कृष्ण कृष्ण
फेट ल्यू ते जिया होव प्रशन
थारे दर्शन करना चाहता , तुम तीन लोक के दाता
वो कहरया सच्चा धाम , तेरा यार भी पुराणा से .................।
सूंदर चेहरा मीठी बोली ,
खड़े ने हान भतेरी होली
भोली सकल बहुत शरमारया , माथे पे तिलक चढारया
मेने दिखे सुन्दर श्याम , उस का ब्राह्मण कैसा बाणा से ............।
बात में ते चलता चलता हरया ,
वो प्रभु जी गुणगावे से थारा
मेरा प्यारा कृष्ण मुरारी , मेरी बालक पण की यारी
उसने कह दिया हाल तमाम , वो तो अकाल मंद घणा श्याणा से ...............।
जगन्नाथ रटो भवानी मात ,
सर पे सतगुरु जी का हाथ
खुभत रात दिन करज्या, भाव सागर ते पार उतरज्या
तेरा हो ज्यागा इब नाम , जिंदगी भर का गाणा से ................।
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्