DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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आनंद होण लगे काया में जब ब्राह्मण देव नजर आये || कमल जिसे कोमल नैनो में एक डैम आंसू भर आये

आनंद  होण लगे काया में जब ब्राह्मण देव नजर आये

कमल जिसे कोमल नैनो में एक डैम आंसू भर आये ..............................। 


भले पधारे-२ न्यू मधुर वचन से कहन लगे 

अपने हाथ पांव पखारे चरना में शिस धारण लगे 

दोनों साथ रहे गुरुकुल में , इब इब अलग रहन लगे 

डाटे ते भी डटते कोन्या इसे परेम के आंसू बहण लगे 

किस तरिया ते मेहर करी आज कहो सखा क्यूकर आये .......................। 


लेजा के दिया बिठा पिलंग पे झट पूजन का सामान धरया

यार सुदामा का पूजन खाद कृष्ण जी ने आप करया

रुक्मण चवर ढुलारी थी न्यू सबके मन में उमंग भरया

अतिथि सत्कार करणिया भाव सागर से पार तिरया 

धुप दिप से करे आरता क्योकि मेरे घर में हर आये .........................।


वो भी दिन से याद गुरु ने हुकम दिया एक बार सखा 

लकड़ी लेण गए जंगल में होक दोनो त्यार सखा 

रात अँधेरी सर पे छागई मेघ बरस्या मुसल धार सखा 

मेरी खातर अपने घर से क्या लाये उपहार सखा 

खली हाथ पास में कुछ न और किते ते न धार आये ........................। 


समझदार थे बहुत सुदामा मन में सरमावन लागे

छीन लिए दातुल कृष्ण ने प्रेम मे भर खावण लागे 

मीठी-२ बात प्रेम ते दोनो बतलावण  लागे 

अंत पुर के वासी सारे मंगल गावंण लागे 

जगन्नाथ इसी ख़ुशी हुई जणू  द्वारका में हर आये .................................। 

  

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्