DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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पंचा म पांच पंचायती शोभा पाग की हो से - मेरी मतन्य टारे दादा नाथ सुहाग की हो से

 दोहा -

कर जोड़ विनती करू मतल्यो मेरे पति का पाग 

दादा नाथ सात रखियो म्हारा बना रहे सुहाग 


पंचा म पांच पंचायती शोभा पाग की हो से 

मेरी मतन्य टारे दादा नाथ सुहाग की हो से ----टेक


१-

राजा गेल्या परजा कर्जा जहाँ में हो से 

दुःख सुख रोग कंगाली तो इन्शान में हो से 

चुप चाप साफ बात बनानी कान म हो से 

हार जित रह रीत नित भगवान में हो से

सूरज की ज्योत खिलावट बाग की हो से 

मेवा जाम फ्रूट सुगन्धि साग की हो से ...................। 


२-

लत्ते चाल सुनहरी जो श्रृंगार तार ले 

कड़े छडे ऱम झोल गिटकड़े हार तार ले 

हान्स महल गालश्री बोरला सारे तार ले  

हिरे पैन मोती लाल; जवाहर तार ले 

सामण में दादर मोर पंचमी नाग की हो से ......................। 


३-

तन्ने दिया साबित सौंप शरीर मार चाहे पुछ्कार

धड़ गर्दन तेरे आगे करदी से अख्त्यार 

लहू पैसे की करा कमाई देणे से १०० भार

इसकी पाग मेरी चूड़ी न नाथ चुंदड़ी तार 

ज्ञान ध्यान तप दान दया ते कृपया त्याग की हो से 

हंसा गेल्या जोट बता कितकाग की हो से ...............................। 


४-

वचन भरे सो पुरे करद्यु देंणकरदिया दान 

सात के कारण डटे खड़े से धरती और आसमान

राज पाट सब दिया दान में दिए सौंप प्राण 

सौ भार खात्तर के नाटूंगी थूके सकल जहान

गावे  ढलती रात भैरवी  राग की हो से 

मुंशी राम करे कविताई भाग की हो से .................................। 


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्