DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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में निर्धन कंगाल जहा दुखिया का कष्ट मिटादे हो-

में निर्धन कंगाल जहा दुखिया का कष्ट मिटादे हो 

मेरे लड़का लड़की फायर कावरे सूरज वंशी ब्याहदे हो 



में निर्धन कंगाल जहा दुखिया का कष्ट मिटादे हो 

मेरे लड़का लड़की फायर कावरे सूरज वंशी ब्याहदे हो 


1

साधु पंडित भूखा आज्या उनकी धीर बांधनी चाहिए 

ज कोई घर पे चलके आज्या अच्छी टहल बजानी चाहिए 

होव आशा पूरी सदा vart  पे रोटी पानी चाहिए 

जो बेवर्स लड़की हो वा राजा न ब्याहनी चाहिए 

राण भक्ति विद्यादान जगत में ये राजा के कायदे हो 

सात धर्म संतोष शील ते हो दुनिया में फायदे हो ..................। 

2

मात पिता कोणी लड़के के लड़की भी बेवरास से 

लड़के का स गाम गया , लड़की का गाम बनारस से 

में लोहा और लड़का स्याना लड़की पत्थर पारस से 

में बादल लड़का बिजली लड़की सावन की बारिश से 

में एक बरती बनड़ा बनड़ी रैंड च में प्राणदे हो 

जगमग -२ होज्या गीसरस कैसीजोट मिलादे हो ...................। 

3

ब्याह शादी न्योता फीका पैसे बिन चलता काम नहीं 

राज पैट मालिक न मेरे देश नगर घर गाम नहीं 

में निर्धन कंगाल जमा मेरे पल्ले एक छह दाम नहीं 

कोठी बिल्डिंग महल किसे मेरे बेठण ने विश्राम नहीं 

है भरके नात जमा मने  एक ठिकाणे लादे हो .......................। 

4

सच्ची बात बखत पे खड़ी इसमें कोनसी चोरी से 

मार चाहे पुछ्कार लिए बेवारिस छोरा छोरी से

दुःख का पर्वत पड़या आन के जग परलो सी होरी से 

काट दे चाहे छोड़ देिये  मेरे गल फांसी की डोरी से 

ओट्टी  जा ते ओट नहीं जांडलिए पता पहुचाडे  हो

हाथ जोड़ के में अर्ज करू सु मुंशी राम ने बुलादे हो ..............................। 


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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्