DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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बन्दे सतगुरू सतगुरू बोल, तेरा क्या लगे है मोल।क्या लेगे है मोल तेरा, क्या लगे है मोल। बन्दे सतगुरू सतगुरू बोल, तेरा....

टेक : बन्दे सतगुरू सतगुरू बोल, तेरा क्या लगे है मोल।
क्या लेगे है मोल तेरा, क्या लगे है मोल। बन्दे सतगुरू सतगुरू बोल, तेरा....
1. दस-बीस कोस नहीं चलना, तेरे सिर पे भार नहीं धरना।
तेरे हाथ-पैर नहीं हिलना, जरा इस दिल की घुण्डी खोल। बन्दे सतगुरू..
2. ये माया हे, जग ठगनी, ये बड़ो-2 संग लगनी,
ये माया है जग ठगनी ये बड़ो-2 संग लगनी
इस माया ने जग भरमाया, भाई रे तु इसका गैला छोड़। बन्दे सतगुरू..
3. ये मन बहुरंगी घोड़ा, घोड़े की पहोच बच्छेरा (बुद्धि) मन में बहुत से रंग आते हैं
बुद्धि से काबु करो
से
ये पाँचों फिरे लुटेरा, भाई रे तूं इनकी बांग मरोड़। (पाँच काम, क्रोध, लोभ,
मोह, अहंकार) बन्दे सतगुरू..

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्