कांशी वाले चौकस रहना डायण आरी से
सोहनी सूरत उम्र का याणा लड़का खारी से _टेक
संध्या करण में गंगा घाट पै बैठ्या था नहाके
लड़का पाणी लेन लागरया पास मेरे आके
दूर तै नजर पड़ी बैरण की आई मूह बाके
झट पट कर घंटी पकड़ी लेगी थी ठाके
मेरे चकाचौघसी लाग गई जणु बिजली जारी से
मै जल्दी करके भाग चला लगे जान प्यारी सै
शमशानों में आज मन नया देख लिया चाला
मंडी के म्हां बड़ण लागरी तोड के ताला
हरी चुन्दड़ी सिरपै सज़री दामण था काला
थर- 4 गात कांप रहा मेरे चढण लग्या पाला
एक मिनट में हांसे रोवे दो नैन दिखारी से
पल मै मानस की नाड़ तोड़ले एसी बिमारी से
मैं सतकी वाणी कहरया सूं ना झूठी आवेगी
पांच सात दस बीस तीस आडे और बुलावेगी
बच्चों का अब करे खात्मा फेर बडों ने खावैगी
सीस काटदे भगा दूरना देरी पलकी लावैगी
मुर्दा घाट पै मार रही सुनली किलकारी सै
मैं सारी साच्ची बात कहूं अब मर्जी थारी सै
सर पंचाती मालूम करलो लड़के गिनवाके
शहर पनाह में बेरा करदो डोंडी पिटवाके
मात पिता खबर कर देंगे थाने में लाके
पल में पुलिस पकड़ लेगी झट घेरा लाके
गुरुहरिश्चन्द्र से सीख लियो कविताई न्यारी सै
मुंशीराम तेरी जाण्डलिया की शोभा न्यारी से
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्