DESCRIPTION:- सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी , आप सब का तह दिल से धन्यवाद्

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मदनावत तू घड़ा चकादे में अकेला ठाउ किस तरिया। तू भंगी के म मिश्राणी तन्ने चकाऊ किस्तारिया




मदनावत तू घड़ा चकादे में अकेला ठाउ किस तरिया। 

तू भंगी के म मिश्राणी तन्ने चकाऊ किस्तारिया ..................। 


ज्यू बोल्या होइ गदगद वाणी बोल बरहम का आता ना

व बोली आज समो निमाणीस्वामी देख्या जाता ना 

वो बोल्या यो घडिया भारी अकेले पे ठाया जाता ना 

न्यू बोली मदनावत राणी के तू अनजल खाता ना 

अनजल  की बंधी काया बिन पाए खो किस्तरिया ..................। 


चालण तक की शरधा कोन्या जिस टेम ढोना पांणी हो 

तेरा फिर भी उदर भरता कोन्या कोढ़ पटगी घनी हो 

सात टूटे  बिन बचता कोन्या बर्बाद जिंदगानी हो 

सात टूटे बिन मरता कोन्या कह मदनावत रानी हो 

मरना पड़े जरूर एक दिन ज्यान बचाओ किस्तरिया .....................। 


तेरा भूलू ना एहशान मदनावत घड़ा चकादे ने 

घड़ा चकाये गयी आन रहण की जुगत बतादे ने 

हो रहा पहाड़ सामान घड़ा थोड़ी सी टूल लगदे ने 

हे ईशवर भगवन आज दुखिया का धरम बचादे ने 

तू कितनी दुखिया में दुखिया सु खली जाऊ किस्तरिया ...............। 


घड़ा चकावन की कहदी तो रो के घल गई गाल के में 

जुगत बाटाडू ठावन की तो बड़ज्या छाती जल के में 

उत रांड नहाने को कहदी गेरे फर्क अकाल के में 

ढुङ्गे बड़के गोता लाले सिर पे धार ले पल के में 

गुरु हरिश्चंद्र के बुझ लिए में समझौ किस्तरिया 

कह मुंशीराम जांडली वाला धर्म बचाऊकिस्तरिया ........................। 


 

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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,

हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,


में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |

आप सब का तह दिल से धन्यवाद्