अगर आपका लिखा हुआ कंटेंट है तो आप उसको हिंदी और अंग्रेजी का कंटेंट बना सकते हो पर दो नो का URL अलग अलग होना जरूरी है
https://www.dhonginath.com/
https://www.dhonginath.com/
आपके पास डोमेन तो एक ही है पर उसका सबडोमेन hindi डिफरेंट किया हुआ होता है | अगर कोई मनुस्य किसी इंग्लिश कंटेंट का हिंदी में पड़ना चाहेगा तो सिंपल तरीके से वह हिंदी के ऑप्शन को सिलेक्ट करेगा | क्लिक कर देगा और उसी टाइम URL खुल जायेगा (https://www.dhonginath.com/) यह सब इसलिए करते है गूगल सर्च कंसोल के भीतर हम अपने दोनों URL hindi और इंग्लिश दोनों वर्जन को अच्छी तरह से समझ सके और गूगल पर इंडेक्सिंग डिफरेंट करे ताकि हिंदी में जानकारी ढूंढ़ना चाहे तो हिंदी म मिले और इंग्लिश में ढूंढ़ना चाहे तो इंग्लिश म मिले |
नोट :- में बाटाडू की सामान्य ब्लॉगर को इन सब बातो (चीजों )से बचना चाहिए आपके लिए बेहतर होगा की हिंदी और इंग्लिश के लिए अलग अलग ब्लॉग ही बनाये आप अगर किसी कारन वस् गूगल ने आपके ब्लॉग पर पेनल्टी थोक दी तो भगवन कसम आप तो गए किसी भी काम का नहीं रहे गए आपका ब्लोगे
प्रेम से बोलो जय बाबा ढ़ोंगीनाथ की जय
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सभी रागनी प्रेमिये को ललित जांगड़ा की तरफ से राम राम , हम हरियाणा वासी है और हमारी संस्कृति एक स्यान है, और मुझे गर्व है की में हरियाणा की पवन संस्कति में पला बड़ा हु , मेरी संगीत कला में बहुत बहुत रूचि है में एक अच्छा बैंजो प्लेयर भी हु हिसार जिले में थुराणा गॉव का रहने वाला हु ,
हमारी संस्कृति को कायम रखने में एक छोटा सा सहयोग कर रहा हु , जो हमारे महा कलाकारों की लिखी हुई गयी हुई रागनी, भजन , सांग और अन्य अस्त लिखी कवियों की कलम दवारा पिरोये हुवे छंद आपके सामने ला रहा हु , जो आपको और हमारे कलाकारों का सहयोग करेंगी ,
में २००५ से ब्लॉग्गिंग के बारे में पड़ता आ रहा था , पड़ते पड़ते मुझको भी इस फिल्ड में इंट्रेस्ट आने लगा ऐसे ऐसे होता रहा और में ब्लॉग्गिंग की दुनिआ में उतर पड़ा और देखते ही देखते ऐसी लत लग गई की इसके बिना मुझे नींद तक नहीं आती ये सब आप लोगो का प्यार है जो मुझे यहाँ तक खींच लाया |
आप सब का तह दिल से धन्यवाद्